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CM Nitish Kumar बने JDU के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष

एक बड़ी खबर इस वक्त खबर मिल रही है कि नीतीश कुमार के नाम पर मोहर लग गई है
जेडीयू के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार होंगे ललन सिंह ने नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव रखा है जिसे नीतीश कुमार
ने स्वीकार कर लिया है | और जेडी अध्यक्ष पदसे ललन सिंह ने थोड़ी देर पहले इस्तीफा दिया |

CM Nitish Kumar बने JDU के नए राष्ट्रीय अध्यक्षLalan Singh के इस्तीफे की पीछे की कहानी
CM Nitish Kumar बने JDU के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष  Lalan Singh के इस्तीफे की पीछे की कहानी

मैं एक बार राजीव रंजन का रुक करूंगी राजीव थोड़ा सा मैं समझना चाहूंगी लनल सिंह के इस्तीफे के पीछे की कहानी कि आखिर उनको आउट कर नीतीश को किस तरह से फायदा हो सकता है और क्या वाकई क्योंकि अब तो पोस्टर में ललन सिंह भी नजर आ रहे हैं ना जेडी दफ्तर के बाहर लगे कल तक वहां से नदारद थे वो देखिए यह जो पार्टियां है नेताओं की यह नीती ये जे जेडीयू जो पार्टी है उसका चेहरा नीतीश कुमार हैं और मैंने पहले भी कहा है जब तक नीतीश कुमार है तभी तक जेडीयू है जब नीतीश कुमार अ का चेहरा नहीं होगा तो आप देखिएगा कि जेडीयू कितने पार्ट में होगी तो यह बात चूंकि अब चुनाव आ रहा है और देखिए ललन सिंह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भले हैं लेकिन उनके कद के उनके अनुभव के और उनके उनके जैसे ही नीतीश कुमार के करीबी नेता और भी हैं अब यह चुनाव 2024 का कोई साधारण लोकसभा का चुनाव नहीं हो रहा है यह तमाम विपक्षी पार्टियों के लिए बहुत बड़ी परीक्षा की घड़ी है और ऐसे में हर पार्टी का नेता जो जिस भी पार्टी का हो छोटी बड़ी पार्टी का उसे सबसे पहले अपना घर दुरुस्त करना जरूरी होगा और नीतीश कुमार अगर पार्टी की कमान लेते हैं तो वह ज्यादा प्रभावी तरीका प्रभावी तरीका होगा चुनाव में जाने का बजाय इसके कि ललन वैसे भी उनका कार्यकाल 6 महीने था और यह किसी पार्टी विशेष की बात है कि वह क्या फैसला करें किस तरीके से जाए सवाल यह है कि चुनाव से पहले सारे पॉलिटिकल पार्टीज अ यह अ राजनीति या चुनाव छोड़ कर के वह काम तो नहीं छोड़ देंगे वह चुनाव तो लड़ेंगे और अपनी-अपनी रणनीति के हिसाब से लड़ेंगे हर पार्टी अपनी रणनीति के हिसाब से लड़ती है चुनाव और आजकल पिछले कई सालों से यह देखा गया है कि पार्टियों का खासकर सत्ताधारी दल का अ सारा जो सारे जो फैसले हैं वह चुनावी दृष्टि से होते हैं कि उसका चुनाव में क्या फायदा होगा अभी आप देखिए रक्षाबंधन जब चुनाव आने वाले थे पांच राज्यों के तो रक्षाबंधन में महिलाओं को सौगात देते हुए ₹2000000 सिलेंडर में एक झटके में कम कर दिए गए और अभी तक क्रूड ऑयल की कीमत बढ़े घटे जो भी हो लगातार उत्तर प्रदेश चुनाव के समय पेट्रोल डीजल के दाम थड़ा कम किए गए और अब चर्चा आ रही है कि शुरुआती दौर में उसको कम कर सकते हैं साल के अंत में या साल के शुरू में तो इस तरह के फैसले सरकारें किया करती हैं और जहां तक राजनीतिक दल है और इनकी रणनीतियां है समय-समय पर पलट रहती है आप बिहार की राजनीति को देखिए तो गोधरा और गुजरात दंगों के बाद सबसे पहले किसी नेता ने अ एनडीए गठबंधन छोड़ा था तो वह रामविलास पासवान थे वो उस वक्त छोड़ कर के चले गए थे 2004 में वह यूपीए के साथ आ गए मंत्री बने और उसके बाद 2014 में जिस नरेंद्र मोदी के सीएम रहते आरोप लगाकर के वह एंडिए छोड़ के चले गए थे अटल जी आडवाणी जी को छोड़ के चले गए थे उसी नरेंद्र मोदी के साथ राम विलास पासवान आ गए राम विलास पासवान वान की पार्टी को बीजेपी ने सरेआम दो टुकड़े कर दिए और उनके चाचा समेत दूसरे पक्ष के लोगों को केंद्रीय मंत्री बना दिया और अकेले चिराग पासवान रह गए अब चिराग पासवान भी एनडीए में चले गए तो हर जिसको अपना भविष्य जिसमें दिखाई देता है जिसके साथ दिखाई देता है वह ऐसे फैसले करता है और राजनीति में 2024 के लिए मैंने हमेशा कहा कि इंडिया गठबंधन के लिए भी और एनडीए गठबंधन के लिए भी दोनों के लिए बिहार एक महत्त्वपूर्ण राज्य है बंगाल एक महत्वपूर्ण मण राज्य है महाराष्ट्र एक महत्त्वपूर्ण राज्य है और इन राज्यों में विपक्ष अगर एक साथ होकर लड़ेगा तो इन राज्यों का मुकाबला देखने लायक होगा जहां तक जेडीयू की बात है मुझे लगता है कि नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव से मैं तो था बिहार में उन्होंने बार-बार ऐलान किया था कि व उनका लास्ट विधानसभा का चुनाव है और अब मुझे ऐसा लगता है कि नीतीश कुमार के लिए दो ये जो लोकसभा का चुनाव है और उसके अगले साल 2025 में बिहार विधानसभा का भी चुनाव है तो अब वह अपनी एक भूमिका राष्ट्रीय स्तर पर चाहते होंगे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना बन कर के ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतना या अपनी भूमिका या इंडिया गठबंधन पर मनोवैज्ञानिक दबाव या बढ़त बनाने के लिए भी वह यह सारे कदम उठा रहे होंगे बिल्कुल और इसलिए चित्र रंजन जी आपकी भी नजर तो होगी कि आखिर करने क्या वाले हैं कुल बुलाह तो आपके अंदर भी होगी जानना चाह रहे होंगे कि जो इतनी बातें हो रही हैं आखिर नीतीश कुमार के मन में क्या है वो तो आप भी देखेंगे नहीं नहीं पूजा जी हम अस्वस्थ हैं कि जो कुछ भी आज जनता दली के राष्ट्रीय कार्यकारणी राष्ट्रीय परिषद की बैठक में फैसला होगा वह इंडिया गठबंधन के पक्ष में होगा और इंडिया गठबंधन को मजबूती कैसे प्रदान किया जाए उस दृष्टिकोण से होगा राजीव रंजन जी ने बहुत बेबाकी से काफी बेबाकी से उन्होंने विश्लेषण किया है मैं उन्हें दात देता हूं कि जिस ढंग से निष्पक्षता से उनका विश्लेषण होता है तो जो सो अब जो बातें हैं सामने जैसा कि अब हमारे राजनीतिक विश्लेषक के रूप में संजय जी हैं लेकिन भाजपा के से ज्यादा भाजपा मुखर होकर बोलते हैं अब सवाल उठा रहे हैं इंडिया में कौन इंडिया गठबंधन में कौन कन्नर होगा क्या रणनीति होगी रणनीति कहा जाता है क्या रणनीति के लिए ही तो आज बैठक हो रही है जनता दल के राष्ट्रीय कार्यकारणी के और राष्ट्रीय परिषद की और जो इंडिया गठबंधन की चिंता कर रहे हैं बिहार के बारे में आप कह रहे थे तो ठीक ही तो कहा राजीव रंजन जी ने पहले जो एनडीए गठबंधन का गठ एनडीए गठबंधन में बिहार में पशुपति कुमार पारद जी है चिराग पासवान जी हैं दोनों कह रहे हैं कि हाजीपुर से हम लड़ेंगे आप उनकी चिंता क्यों नहीं करते हैं यहां तो सब चीज नीट एंड क्लीन है यहां पर कहीं कोई विवाद नहीं है इतना बेहतर ढंग से बिहार में गठबंधन की सरकार चल रही है और जो एक बिहार मॉडल लागू किया है.

अगर आप नीतीश कुमार के साथ जुड़ेंगे, तो यह इंडिया गठबंधन के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा। नीतीश कुमार बिहार में पॉलिटिक्स में एक महत्वपूर्ण चेहरा है और उनका साथ लेना बिहार के लिए भी और आपके लिए भी फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा, यह भी ध्यान देने लायक है कि इंडिया गठबंधन के तहत बिहार के राजनीतिक दृष्टिकोण को मजबूत किया जा सकता है, जिससे आपके पक्ष को वहाँ की नीतियों पर अधिक नियंत्रण मिल सके। इससे पहले कि चुनाव आए, इसे समझने के लिए आपको नीतीश कुमार और अन्य राजनीतिक नेताओं के साथ समय बिताना चाहिए और उनसे विचार विनिमय करना चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपके और आपके पार्टी के लिए यह कैसे फायदेमंद हो सकता है।

https://youtu.be/XjJ2kovReTY?si=Ntg0SsujBY2vqvP3

 

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